Worried About Pension 2025: 5 सरकारी योजनाएं जो दे सकती हैं सुनहरा बुढ़ापा, छूट न जाए यह अवसर

Published On: September 10, 2025
Worried About Pension 2025

बुढ़ापा ज़िन्दगी का एक ऐसा दौर है जिसमें इंसान चाहता है कि उसे पैसों की चिंता न रहे और वह आराम से अपना जीवन बिता सके। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि रिटायरमेंट के बाद लोगों को अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने में दिक्कत आने लगती है। कामकाजी ज़िन्दगी में जहां हर महीने सैलरी आती है, वहीं रिटायरमेंट के बाद यह सुविधा बंद हो जाती है। ऐसे में अगर कोई मजबूत पेंशन योजना न हो, तो ज़िंदगी बोझिल लगने लगती है।

आजकल कई लोग ऐसे हैं जिन्हें यह चिंता रहती है कि आने वाले समय में उनकी पेंशन होगी या नहीं। सरकारी नौकरी में काम करने वालों को तो पेंशन की व्यवस्था होती है, लेकिन निजी नौकरी करने वालों या स्वरोज़गार करने वालों के लिए यह चिंता बढ़ सकती है। इसी वजह से सरकार और कुछ वित्तीय संस्थाओं ने अलग-अलग पेंशन योजनाएं शुरू की हैं, जिससे लोग रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

अगर आप भी अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं और सोच रहे हैं कि बुढ़ापे में खर्च कैसे चलेंगे, तो यह जानकारी आपके लिए मददगार होगी। यहां हम आपको बताएंगे कि कौन-कौन सी पेंशन योजनाएं उपलब्ध हैं और उनमें आपको क्या-क्या लाभ मिलता है।

Worried About Pension 2025

पेंशन का मतलब होता है, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली नियमित आय। यह आपकी सेवा या निवेश का फल होता है। पहले केवल सरकारी कर्मचारियों को पेंशन मिलती थी। लेकिन समय के साथ निजी क्षेत्र में काम करने वालों और स्वरोज़गार से जुड़े लोगों के लिए भी पेंशन योजनाओं की शुरुआत हुई।

भारत सरकार और निजी कंपनियां ऐसे कई प्लान लाती हैं जिनमें आप अपनी कमाई का एक हिस्सा बचाकर निवेश कर सकते हैं और भविष्य में एक निश्चित रकम प्राप्त कर सकते हैं। इन योजनाओं में निवेश करके आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी आपकी आमदनी जारी रहे।

सरकारी पेंशन योजनाएं

अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana – APY)

अटल पेंशन योजना 2015 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों जैसे दर्जी, रिक्शा चालक, मजदूर आदि को पेंशन सुविधा देना है। इस योजना में 18 से 40 साल की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक जुड़ सकता है।

इसमें आपको हर महीने एक छोटी सी किस्त जमा करनी होती है। यह किस्त आपकी उम्र और चुनी गई पेंशन पर निर्भर करती है। रिटायरमेंट के बाद यानी 60 साल की उम्र पूरी होने पर आपको हर महीने 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक पेंशन मिलने लगती है। इस योजना का फायदा यह है कि सरकार भी इसमें सहयोग करती है और सब्सिडी देती है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System – NPS)

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) के तहत चलाया जाता है। इसकी खासियत यह है कि इसमें आप अपनी कमाई का कुछ हिस्सा लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं और फिर रिटायरमेंट के बाद पेंशन और एकमुश्त रकम दोनों पा सकते हैं।

NPS में निवेशक को अपनी उम्र और सुविधा के हिसाब से इक्विटी, कॉर्पोरेट बॉन्ड या गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ में पैसा लगाने का विकल्प मिलता है। इस योजना की खासियत यह है कि इसमें 60 साल की उम्र तक निवेश संभव है। रिटायरमेंट के बाद आप अपने फंड का 60% तक हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं और बाकी राशि से हर महीने पेंशन मिलती है।

प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना (PM-SYM)

यह योजना असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और छोटे कमाने वालों (जैसे सब्जी विक्रेता, रिक्शा चालक, घरेलू कामगार) के लिए है। इस योजना में 18 से 40 साल तक की उम्र के लोग जुड़ सकते हैं।

इसमें हर महीने 55 रुपये से 200 रुपये तक जमा करने होते हैं। 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3,000 रुपये पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। इस योजना में सरकार और लाभार्थी दोनों बराबर का योगदान करते हैं।

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS)

यह योजना कर्मचारियों के लिए होती है जिनका EPF (Employees Provident Fund) अकाउंट होता है। इसमें नियोक्ता यानी कंपनी अपने योगदान का एक हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम में डालती है।

60 साल की उम्र पूरी होने के बाद कर्मचारी को हर महीने पेंशन मिलती है। अगर कर्मचारी 10 साल तक इस स्कीम का हिस्सा रहा है तो वह पेंशन पाने का अधिकारी बन जाता है। यह स्कीम नौकरीपेशा लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है।

निजी पेंशन योजनाएं और निवेश विकल्प

सरकारी योजनाओं के अलावा, निजी कंपनियां और बीमा संस्थाएँ भी पेंशन योजनाएं लाती हैं। इन्हें आमतौर पर रिटायरमेंट प्लान या एन्युटी प्लान कहा जाता है।

इनमें निवेशक अपनी सुविधा के हिसाब से प्रीमियम जमा करते हैं और रिटायरमेंट के बाद हर महीने तय किस्तों में पैसा प्राप्त करते हैं। कुछ योजनाओं में एकमुश्त रकम भी मिलती है। इन योजनाओं पर आयकर लाभ भी मिल सकता है।

इसके अलावा म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस योजनाएं और जीवन बीमा आधारित रिटायरमेंट प्लान भी पेंशन का विकल्प बन सकते हैं।

पेंशन योजना चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें

पेंशन योजना चुनते समय सबसे पहले अपनी उम्र और आय का ध्यान रखना ज़रूरी है। अगर आप अभी युवा हैं तो छोटी किस्त में भी बड़े फंड इकट्ठा कर सकते हैं। लेकिन अगर उम्र ज़्यादा है, तो आपको बड़ा निवेश करना होगा।

साथ ही यह भी देखना ज़रूरी है कि आपकी चुनी हुई योजना सुरक्षित हो और उसमें किसी तरह का जोखिम कम से कम हो। सरकारी योजनाएं आम तौर पर अधिक सुरक्षित मानी जाती हैं। वहीं, निजी निवेश करने पर आपको धन वृद्धि अधिक मिल सकती है, लेकिन इनमें बाज़ार जोखिम भी जुड़े होते हैं।

निष्कर्ष

रिटायरमेंट के बाद खुशहाल जीवन जीने के लिए पेंशन की तैयारी अभी से करना जरूरी है। सरकार और निजी क्षेत्र दोनों ही पक्ष से कई विकल्प उपलब्ध हैं। सही योजना चुनकर और समय रहते निवेश शुरू करके आप अपने बुढ़ापे को सुरक्षित, आत्मनिर्भर और बेफिक्र बना सकते हैं।

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