प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत देश के करोड़ों किसानों को हर साल आर्थिक सहायता दी जाती है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जाती है।
इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये की राशि तीन बराबर किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इस आर्थिक सहयोग से किसान अपनी खेती संबंधी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होते हैं। अब किसानों को इस योजना की 21वीं किस्त मिलने वाली है, जिसके बारे में व्यापक चर्चा और उत्सुकता बनी हुई है।
प्रधानमंत्री किसान योजना की हर किस्त लगभग चार-चार महीने के अंतराल पर रिलीज होती है। पिछले सालों के अनुभव से देखा जाए तो किस्तें आमतौर पर अगस्त से नवंबर के बीच जारी की जाती रही हैं। इस बार भी सरकार ने 21वीं किस्त के लिए अक्टूबर या नवंबर महीने की संभावना जताई है।
खास बात यह है कि यह किस्त दिवाली से पहले जारी हो सकती है जिससे किसानों को त्योहारों पर आर्थिक राहत मिलेगी। इसके साथ ही, बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार इस किस्त को जल्दी जारी कर सकती है ताकि किसानों तक समय पर लाभ पहुंच सके।
PM Kisan 21st Installment 2025
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त किसानों के बैंक खातों में कब आएगी? इस सवाल का जवाब किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 21वीं किस्त नवंबर या दिसंबर 2025 के आसपास मिलने की उम्मीद है। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस किस्त की आधिकारिक तिथि घोषित नहीं की है। पिछले वर्षों के आंकड़ों को देखें तो किस्तें अक्सर अक्टूबर और नवंबर के महीने में आ चुकी हैं। इस बार भी दिवाली से पहले यानी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में या नवंबर की शुरुआत में 21वीं किस्त का भुगतान हो सकता है। अगर यह दिवाली से पहले आती है तो किसानों को त्योहार का एक बड़ा तोहफा मिलेगा।
इस योजना के तहत हर किस्त की राशि 2,000 रुपये होती है और साल में कुल तीन किस्तें आती हैं, जो मिलकर 6,000 रुपये होते हैं। 21वीं किस्त भी इसी ढांचे के अंतर्गत 2,000 रुपये की होगी जो सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। योजना का मकसद छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देकर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करना है।
पीएम किसान योजना क्या है?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की एक प्रमुख कृषि सहायता योजना है, जो फरवरी 2019 से लागू है। इस योजना के माध्यम से मुख्यतः छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होते हैं। सरकार इस योजना के तहत किसान परिवारों को वार्षिक रूप से 6,000 रुपये देती है। यह राशि तीन समान किस्तों में वितरित की जाती है ताकि किसान के खर्चों में राहत मिल सके और वह अपनी खेती की आवश्यकताएं समय पर खरीद सकें।
इस योजना में लाभ पाने के लिए किसान को पहले आवेदन करना होता है और इसकी पात्रता मानदंडों के अनुसार सूचीबद्ध किया जाता है। योजना का पैसा सीधे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किसान के बैंक खाते में जाता है, जिससे भ्रष्टाचार एवं देरी की समस्या खत्म हो जाती है। इसके अलावा, किसानों का आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होना अति आवश्यक है ताकि e-KYC प्रक्रिया पूरी हो सके। अगर ये प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो किस्त जमाने में अड़चन आ सकती है।
21वीं किस्त पाने के लिए जरूरी शर्तें
पीएम किसान योजना की अगली किस्त पाने के लिए किसानों को कुछ जरूरी कदम उठाने होते हैं। सबसे पहले, उनका आधार कार्ड उनके बैंक खाते से लिंक होना जरूरी है। साथ ही, किसानों का ई-केवाईसी और भूमि सत्यापन (Land Verification) पूरा होना चाहिए। यदि ये प्रक्रियाएं पूरी नहीं होती हैं तो किस्त अटक सकती है। इसलिए किसानों को अपनी दस्तावेजी प्रक्रिया समय रहते पूर्ण करनी चाहिए।
योजना से जुड़े किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक विवरण, आधार कार्ड और भूमि विवरण को अपडेट रखें। वर्तमान सरकार ने योजना का लाभ सुनिश्चित करने और त्रुटियों को कम करने के लिए डिजिटलीकरण बढ़ाया है। इस योजना के तहत करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है जिससे खेती संबंधी खर्चों में कमी आए और किसान आत्मनिर्भर बन सकें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता मिलती है जो उनके आर्थिक जीवन में सहायक होती है। इस साल 21वीं किस्त नवंबर या अक्टूबर में दिवाली से पहले आने की उम्मीद है, जिससे किसानों को त्योहार पर आर्थिक राहत मिलेगी।
योजना का उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है। किसानों को अपनी पात्रता और दस्तावेजों को अपडेट रखना चाहिए ताकि इस किस्त का लाभ बिना किसी बाधा के मिल सके। यह योजना किसानों की आर्थिक सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।