कानपुर सेंट्रल, भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है। यह स्टेशन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक बड़ा रेलवे हब माना जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से कानपुर सेंट्रल पर कई ट्रेनों के रुकने में कमी आई है, जिससे लोगों में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। इस बदलाव के पीछे कई अहम कारण और रेलवे के द्वारा लिए गए विशेष फैसले हैं, जिनका मकसद यातायात को सुगम और बेहतर बनाना है। इस लेख में हम कानपुर सेंट्रल पर ट्रेनों के न रुकने के कारणों को विस्तार से समझेंगे।
कानपुर सेंट्रल बहुत व्यस्त स्टेशन है जहाँ रोजाना कई सैकड़ों ट्रेने गुजरती और रुकती हैं। यहाँ ट्रेनों का आवागमन इतना अधिक होता है कि स्टेशन पर भीड़ होना और ट्रेनों के प्लेटफार्म पर रुकने में हो रही देरी बड़ी समस्या बनी हुई थी। ट्रेनों का रुकना कई बार प्लेटफार्म की उपलब्धता और स्टेशन के भीतर जाम की वजह से बहुत ज्यादा समय तक होता था, जिससे यात्रियों को असुविधा होती थी। इस समस्या का समाधान करने और स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे ने कुछ रणनीतिक बदलाव किए हैं, जिनमें कुछ ट्रेनों को कानपुर सेंट्रल के बजाय नजदीकी अन्य स्टेशनों पर रुकवाना शामिल है।
Kanpur Central 2025
सबसे बड़ा कारण है स्टेशन की अत्यधिक भीड़ और यातायात का दबाव। कानपुर सेंट्रल क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है। यहां दिन में कई लंबी दूरी की सुपरफास्ट और मेल ट्रेने आती-जाती हैं। प्लेटफार्मों की संख्या सीमित होने की वजह से ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है, जिससे ट्रेनों की पंक्तिबद्धता और भीड़ बढ़ जाती है। खासकर गर्मी के मौसम में जब बुजुर्ग और छोटे बच्चे यात्रा करते हैं, तो लंबा इंतजार उनके लिए बहुत मुश्किल होता है।
इस समस्या को कम करने के लिए नॉर्थ सेंट्रल रेलवे ने कानपुर के समीप स्थित गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को उन्नत करके वहां कई अहम ट्रेनों को रुकवाने का निर्णय लिया है। जुलाई 2025 से कुछ प्रमुख ट्रेनों को कानपुर सेंट्रल की बजाय गोविंदपुरी पर रुकवाया जाने लगा है। इन ट्रेनों में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, बनारस-ओखा, सियालदह-अमृतसर, अजमेर-राजेंद्र नगर जैसी ट्रेनें शामिल हैं। यह कदम कानपुर स्टेशन की भीड़ कम करने और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए उठाया गया है।
गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को “अमृत भारत स्टेशन योजना” के तहत प्रधानमंत्री द्वारा मई 2025 में उद्घाटित किया गया। इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाना है। गोविंदपुरी स्टेशन में यात्रियों के लिए बेहतर इंतजार कक्ष, साफ-सफाई, बेहतर प्लेटफार्म सुविधाएं और पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इससे यातायात का दबाव कानपुर से हटकर गोविंदपुरी पर आ गया है, जिससे दोनों स्थानों पर यात्री सुविधा में सुधार हुआ है।
इसके अलावा, कानपुर रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक ने यह भी निर्णय लिया है कि जो ट्रेनें पहले स्टेशन के बाहरी प्लेटफार्म पर रुकती थीं, अब उन्हें समस्या समाधान के तहत रियल टाइम में खाली प्लेटफार्म मिलते ही उस पर भेजा जाएगा। इससे ट्रेन का लंबे समय तक रुकना कम होगा और यात्री असुविधा से बच सकेंगे।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कानपुर सेंट्रल बढ़ते यातायात को नियंत्रित करने के लिए कम से कम 10 नए प्लेटफार्म की आवश्यकता है। हालांकि इस दिशा में कार्य धीमे चल रहा है, लेकिन अधिकारी आशावादी हैं कि आने वाले समय में इसे पूरा किया जाएगा।
अमृत भारत स्टेशन योजना क्या है?
अमृत भारत स्टेशन योजना रेलवे विभाग की एक प्रमुख परियोजना है जिसमें देश के बड़े और व्यस्त रेलवे स्टेशनों को आधुनिक, स्वच्छ और स्मार्ट बनाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत स्टेशन की आधारभूत संरचना जैसे वेटिंग हॉल, प्लेटफार्म, पार्किंग, सफाई, इलेक्ट्रॉनिक सूचना बोर्ड, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और यात्रियों की सुविधा के लिए डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
कानपुर के नजदीकी गोविंदपुरी स्टेशन को भी इसी योजना के तहत उन्नत किया गया है, जिससे वहां यात्री सुविधाओं का स्तर काफी बेहतर हुआ है। रेलवे का लक्ष्य है कि यात्री ट्रैवल के साथ-साथ स्टेशन पर भी उन्हें आराम और सुरक्षा मिले।
सरकार और रेलवे की ओर से क्या-क्या सुविधाएं मिली हैं?
रेलवे ने कानपुर क्षेत्र में यात्री सुविधा सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण के अलावा कानपुर सेंट्रल पर भी सफाई और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले, फ्री वाई-फाई, बेहतर भोजन सुविधाएं, छतरियां, नई फुटओवर ब्रिज और पार्किंग सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
इसके अलावा, यात्री असुविधा को कम करने के उद्देश्य से ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान के समय को भी अनुकूलित किया जा रहा है ताकि जाम की स्थिति कम हो और ट्रेनों का संचालन सुचारू हो। प्रशिक्षण और तकनीकी सुधार भी किये जा रहे हैं जिससे रेलवे कर्मी ट्रेनों के समय पालन को सुधार सकें।
निष्कर्ष
कानपुर सेंट्रल पर ट्रेनों का न रुकना एक सुनियोजित कदम है जिसे स्टेशन की भीड़ कम करने और यात्रियों की बेहतर सुविधा देने के लिए लागू किया गया है। गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाकर कई ट्रेनें वहां रुकने लगी हैं, जिससे कानपुर सेंट्रल का दबाव कम हुआ है। रेलवे अपनी अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन और यात्री सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। आने वाले समय में नए प्लेटफार्म और सुविधाओं के साथ यह समस्या पूरी तरह सुलझाई जाएगी। इससे यात्रियों को सफर में अधिक आराम और सुविधा मिलेगी।