Indian Railways Luggage Rules 2025: 70 Kg Free, 2 बड़े बदलाव जो सब जानें जरूरी

Published On: September 8, 2025
Indian Railways Luggage Rules 2025

भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए नया और सख्त सामान नियम लागू करना शुरू कर दिया है, जो एयरपोर्ट जैसी जांच व्यवस्था की तरह है। अब यात्रियों को ट्रेन स्टेशन पर अपने लगेज का वजन और आकार इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से चेक कराना होगा। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने, प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम करने और यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए उठाया गया है। ऐसे में अब हर क्लास के सफरियों को अपने टिकट की श्रेणी के हिसाब से सामान का सीमित वजन ही ले जाना होगा। इससे अधिक सामान लेकर आने पर अतिरिक्त शुल्क या जुर्माना देना पड़ सकता है।

यह नियम पहली बार उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के कुछ मुख्य स्टेशनों जैसे प्रयागराज, कानपुर, मिर्जापुर, अलीगढ़, लखनऊ, बनारस आदि से शुरू किया गया है और धीरे-धीरे पूरे देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। यात्रियों को प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने से पहले अपना सामान इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों से तोलना होगा, उसके बाद ही वे ट्रेन में चढ़ सकेंगे। यह व्यवस्था रेलवे बोर्ड की तरफ से सख्ती से लागू की जा रही है ताकि यात्रियों को बेहतर सुरक्षा मिल सके और सामान के कारण ट्रेन में असुविधा न हो।

Indian Railways Luggage Rules 2025

भारतीय रेलवे ने एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा और वजन जांच व्यवस्था शुरू की है, जिसमें हर यात्री को स्टेशन पर अपना सामान सख्ती से तौलकर निर्धारित सीमा के अनुसार रखना होगा। इससे पहले भारतीय रेलवे में सामान की वजन सीमा और जांच व्यवस्था काफी लचीली थी, लेकिन अब यह नियम यात्रियों के सामान से जुड़ी समस्याओं को जड़ से खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इसका मकसद यह है कि प्लेटफॉर्म और ट्रेन में सामान के कारण होने वाली भीड़ और असुविधा को कम किया जाए।

इस नए नियम के अनुसार, रेलवे के हर क्लास में यात्रियों को एक निश्चित वजन तक सामान मुफ्त में ले जाने की अनुमति होगी। उदाहरण के तौर पर, फर्स्ट AC में यात्रा करने वाले यात्री 70 किलो तक सामान मुफ्त में ले जा सकते हैं। AC टू टियर क्लास में यह लिमिट 50 किलो, AC थ्री टियर और स्लीपर क्लास में 40 किलो और जनरल क्लास में 35 किलो तक सीमित है। इसके अलावा हर यात्री को 10 किलो अतिरिक्त सामान लेकर चलने की छूट भी मिलेगी। यदि उनके सामान का वजन तय सीमा से ज्यादा होता है, तो उन्हें अतिरिक्त भुगतान करना होगा या सामान को अलग से बुक कराना होगा।

यह व्यवस्था एयरपोर्ट की तरह यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाती है। साथ ही, ऐसा करने से प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम होगी और सामान के वजह से सफर में होने वाली समस्याएं समाप्त होंगी। उदाहरण के लिए, भारी और बड़े आकार के सामान जो कि कोच में असुविधा पैदा करते हैं, उन पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे सामान को लेकर भी विशेष सावधानी बरती जाएगी ताकि अन्य यात्रियों की यात्रा खराब न हो।

रेलवे की ओर से यह भी कहा गया है कि बाइसिकल और स्कूटर जैसे वाहन जो ट्रेन में ले जाए जाते हैं, वे इस सामान सीमा में शामिल नहीं होंगे। यह उन सामानों के लिए राहत का एक विकल्प होगा। रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक तौलने की मशीनें लगाई जा रही हैं और स्टेशन कर्मचारी इनका संचालन कर रहे हैं ताकि नियमों का सख्ती से पालन हो सके।

सरकारी पहल और इसके फायदे

भारतीय रेलवे ने इस योजना को इसलिए लागू किया है ताकि यात्री सुरक्षा प्रणाली को बढ़ाया जा सके और फैला हुआ लगेज प्लेटफॉर्म पर भीड़ का कारण न बने। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस नयी व्यवस्था से सवारियों को ट्रेन में सफर करने में सुविधा मिलेगी, क्योंकि भारी सामान के कारण ट्रेनों की सफर व्यवस्था प्रभावित होती रही है। रेलवे का उद्देश्य है कि यात्रियों को बेहतर और व्यवस्थित सेवाएं प्रदान की जाएं।

इसके साथ ही, रेलवे की यह योजना स्टेशन के माहौल को आधुनिक और एयरपोर्ट जैसा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्टेशन पर लगेज की जांच और इलेक्ट्रॉनिक तौलने की मशीनों से यात्रियों को सामान के वजन की सही जानकारी मिलेगी। इससे अतिरिक्त वजन के कारण होने वाले विवाद भी कम होंगे। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इससे यात्रियों की यात्रा सरल और बेहतर होगी, साथ ही ट्रेनों की समयानुसार चलने में भी मदद मिलेगी।

इसके अलावा जब यात्री अधिक वजन लेकर आते हैं तो उन्हें न केवल अतिरिक्त चार्ज देना होगा, बल्कि कुछ मामलों में समुचित फाइन भी लगाएं जा सकते हैं। यह नियम सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि नए नियम के साथ स्टाफ को ट्रेन और स्टेशन पर सामान की निगरानी के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

सामान के वजन और आकार के नियम

भारतीय रेलवे ने सामान के वजन के साथ-साथ उसके आकार को लेकर भी नियम बनाए हैं। यात्रियों को सामान के आकार की सीमाओं का ध्यान रखना होगा। उदाहरण के लिए, सामान्य सामान के सूटकेस या बॉक्स का आकार 100 सेमी x 60 सेमी x 25 सेमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

थर्ड AC और चेयर कार क्लास में यात्रियों को इससे भी छोटे आकार का सामान रखने की इजाजत दी गई है, जो 55 सेमी x 45 सेमी x 22.5 सेमी तक सीमित है। यदि यात्री इसका उल्लंघन करता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क देना होगा या सामान को अलग से बुक कराना पड़ेगा। जो सामान रेलवे नियमों के बाहर होगा, उसे ट्रेन में ले जाने से मना किया जाएगा।

यह नियम यात्रियों के सामान को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे यूनिफॉर्मिटी आएगी और सामान के कारण सफर में व्यवधान कम होगा। रेलवे इस नियम को अनेक मुख्य स्टेशनों पर पहले सफलतापूर्वक लागू कर चुका है और आने वाले समय में पूरे नेटवर्क पर यह नियम लागू हो जाएगा।

निष्कर्ष

भारतीय रेलवे में एयरपोर्ट जैसी वजन सीमा और जांच की व्यवस्था शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को अपने सामान के वजन और आकार को लेकर सावधानी बरतनी होगी और निर्धारित सीमा के अनुसार ही सामान रखना होगा। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा बढ़ाने और सफर को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। नए नियम से रेलवे प्लेटफॉर्म पर भीड़ और सामान से जुड़ी परेशानियां कम होंगी और ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा। यात्रियों के लिए यह नियम नई चुनौतियां तो लेकर आएंगे, लेकिन बेहतर और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेंगे।

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