Bullet Train News: दिल्ली-वाराणसी रूट पर बनेंगे 13 स्टेशन, जल्द देखें लिस्ट

Published On: September 13, 2025
Delhi-Kanpur-Varanasi Bullet Train Update

दिल्ली-वाराणसी रूट पर बनने वाली बुलेट ट्रेन योजना देश की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के बनने से राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक और धार्मिक शहर वाराणसी के बीच यात्रा का समय लगभग 12 घंटे से घटाकर 2 से 3 घंटे के भीतर कर दिया जाएगा।

यह प्रोजेक्ट 865 किलोमीटर लंबा होगा और इस पर कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे। इन स्टेशनों में दिल्ली, नोएडा, ज्वार एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी शामिल हैं। इस बुलेट ट्रेन की रफ्तार लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जो देश के रेल यातायात में एक नई क्रांति लेकर आएगी।

यह परियोजना न केवल यात्रियों को तेज और सुविधाजनक सफर देगी बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और पर्यटन को भी मजबूती प्रदान करेगी। खासतौर पर उत्तर प्रदेश के कई गाँवों और छोटे शहरों का सामाजिक-आर्थिक विकास इसके कारण देखने को मिलेगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता के साथ चल रही है, जिससे इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन की संभावनाएं मजबूत हैं।

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन के 13 स्टेशन और इस रूट की खास बातें

दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के इस मार्ग पर 13 स्टेशन बनेंगे, जो पूरे रूट की कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करेंगे। इन स्टेशनों की योजना इस तरह बनाई गई है कि दिल्ली से लेकर वाराणसी तक के मुख्य शहर और पर्यटन स्थल सीधे जुड़ सकें।

13 स्टेशन की सूची

स्टेशन क्रमांकस्टेशन का नाम
1दिल्ली (Hazrat Nizamuddin)
2नोएडा (Sector 146)
3ज्वार एयरपोर्ट
4मथुरा
5आगरा
6इटावा
7दक्षिण कन्नौज
8लखनऊ
9अयोध्या
10रायबरेली
11प्रयागराज (अलाहाबाद)
12नई भदोही
13वाराणसी

इस परियोजना की मुख्य विशेषताएं

  • कुल दूरी लगभग 865 किलोमीटर होगी, जो दिल्ली से वाराणसी तक जाएगी।
  • ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
  • पूरे रूट पर अधिकतर ट्रैक एलिवेटेड (ऊंचा बनाया गया) होगा, जिससे सुरक्षा और गति दोनों में सुधार होगा।
  • यात्रा समय लगभग 2.5 से 3 घंटे के भीतर पूरा होगा, जो वर्तमान साधनों के मुकाबले लगभग तीन गुना तेज है।
  • इस योजना में दौड़ने वाली ट्रेन जापान के शिंकानसेन (Shinkansen) मॉडल की होगी, जो विश्व की सबसे भरोसेमंद बुलेट ट्रेनों में से एक है।
  • प्रोजेक्ट की लागत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।
  • उत्तर प्रदेश के करीब 60 गांवों से यह ट्रेन गुजरेगी, जिससे ग्रामीण इलाकों का विकास होगा।
  • हर 22 मिनट में ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
  • विशेष स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना का प्रभाव

यह योजना न केवल यात्रा के समय को काफी कम करेगी, बल्कि इससे प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी। तेजी से जुड़ाव की वजह से व्यापार, उद्योग, और पर्यटन में बढ़ोतरी होगी। विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों के कनेक्शन से तीर्थयात्रियों को भी लाभ मिलेगा।

ग्रामीण इलाकों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो रही है। नई तकनीक जैसे LiDAR सर्वेक्षण का इस्तेमाल करके जमीन की ऊंचाई, भौगोलिक संरचना और वनस्पति का सटीक डाटा हासिल किया जा रहा है। इससे भूमि अधिग्रहण में होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है।

तालिका: दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन योजना का बिना तकनीकी सारांश

विषयविवरण
परियोजना का नामदिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल परियोजना
कुल दूरीलगभग 865 किलोमीटर
कुल स्टेशन13 स्टेशन
यात्रा की अनुमानित अवधिलगभग 2.5 – 3 घंटे
अधिकतम गति350 किमी/घंटा
अनुमानित निवेशलगभग ₹1.2 लाख करोड़
प्रमुख स्टेशनदिल्ली, नोएडा, मथुरा, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी
शामिल राज्यदिल्ली, उत्तर प्रदेश

बुलेट ट्रेन के साथ आने वाले बदलाव

  • अब दिल्ली से वाराणसी की दूरी लगभग 12 घंटे में तय होती थी, जो बुलेट ट्रेन के आने से घटके करीब 3 घंटे की होगी।
  • यूपी के 60 से अधिक ग्रामीण इलाकों व गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
  • बुलेट ट्रेन की वजह से पर्यटन को बड़ा फायदा मिलेगा जिससे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों पर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।
  • मॉडल शहरों के बीच बेहतर आर्थिक और सामाजिक कनेक्टिविटी होगी।
  • ट्रेन की आधुनिक सुविधा से यात्रियों को आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा।

वर्तमान स्थिति और आगे की योजना

राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने इस प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी सर्वेक्षण और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भूमि अधिग्रहण तेजी से चल रहा है और ठेकेदारों को काम सौंपे जा रहे हैं। काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है और इसे 2030 तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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