आधार कार्ड धारकों के लिए सरकार ने आज से बड़ा और नया नियम लागू कर दिया है, जिससे करोड़ों लोगों की नींद उड़ गई है। इस बदलाव का असर सरकार की विभिन्न योजनाओं, सब्सिडी और सरकारी सेवाओं के उपयोग से लेकर सामान्य बैंकिंग, मोबाइल सिम, पेंशन, बीमा क्लेम जैसे रोजमर्रा के कार्यों पर भी पड़ेगा। UIDAI द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब आधार कार्ड के अपडेट, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, और संबंधित सेवाओं में कई नए नियम और कड़े प्रावधान लागू किए गए हैं।
Aadhaar Card Alert 2025
सरकार द्वारा 2 जुलाई 2025 से “आधार (नामांकन और अपडेट) प्रथम संशोधन विनियम, 2025” लागू किए गए हैं। इसमें सबसे बड़ा बदलाव यह है कि जिन व्यक्तियों का आधार 10 साल या उससे ज्यादा पुराना है, उन्हें अनिवार्य रूप से अपना फोटो, फिंगरप्रिंट और आयरिस स्कैनिंग दोबारा करानी होगी। ऐसे लोग यदि बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराते, तो उनका आधार कार्ड निष्क्रिय हो सकता है, जिससे न सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ बल्कि बैंकिंग सेवाएं, मोबाइल सिम, गैस सब्सिडी, पेंशन, बीमा आदि कार्य भी प्रभावित हो जाएंगे।
साथ ही, मोबाइल नंबर अपडेट की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अब मोबाइल नंबर बदलने के लिए ऑनलाइन सुविधा बंद कर दी गई है और यह सेवा केवल ऑफलाइन, आधार सेवा केंद्र पर जाकर संभव होगी। इसके लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है और केंद्र में जाने से पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना अनिवार्य है। वही, मोबाइल नंबर अपडेट कराने की फीस ₹50 रखी गई है।
दस्तावेज़ और बायोमेट्रिक अपडेट
नई गाइडलाइंस के तहत दस्तावेजों की सूची का भी विस्तार किया गया है। अब बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए अलग-अलग दस्तावेज मान्य होंगे। बच्चों (0-5 वर्ष) के लिए नामांकन दो तरीकों से हो सकेगा, जबकि 5 वर्ष और उससे ऊपर के लोगों के लिए पहचान, पता, रिश्तेदारी और जन्म तिथि के प्रूफ की विस्तृत सूची जारी की गई है। पहचान पत्र, पता प्रूफ और रिश्तेदारी साबित करने के लिए विभिन्न अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण-पत्र भी स्वीकृत होंगे।
बायोमेट्रिक अपडेट, खासकर 10 साल पुराने आधार वालों के लिए, अब जरूरी है। इसमें फोटो, फिंगरप्रिंट और आंख की स्कैनिंग दोबारा ली जाएगी। ऐसा न कराने पर आधार निष्क्रिय हो सकता है।
आवेदन और अपडेट की प्रक्रिया
आधार में किसी भी तरह का अपडेट अब और अधिक सुरक्षित व नियंत्रित प्रक्रिया से किया जाएगा।
- सबसे पहले आपको myAadhaar पोर्टल या नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर अपॉइंटमेंट लेना होगा।
- तय समय पर केंद्र पर अपने मूल आधार कार्ड और आवश्यक दस्तावेजों के साथ जाना जरूरी है।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए आपकी फोटो, फिंगरप्रिंट और आंख की स्कैनिंग ली जाती है।
- मोबाइल नंबर या अन्य जानकारी बदलवानी है, तो संबंधित शुल्क (₹50) अदा करना होगा और दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
- अपडेट करने के बाद एक SRN यानी सर्विस रिक्वेस्ट नंबर मिलता है, जिससे स्टेटस की जांच की जा सकती है।
- अपडेट के बाद नया आधार कार्ड पोस्ट द्वारा घर पहुंचेगा।
सरकारी योजनाओं और सब्सिडी में अनिवार्यता
सरकार ने कई योजनाओं में आधार कार्ड को अनिवार्य बना दिया है। खासतौर पर eNAM (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) जैसी योजनाओं में लाभ उठाने के लिए आधार जरूरी है। अब कोई भी व्यक्ति जिसकी पहचान आधार से नहीं जुड़ती, वह इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह सकता है। इस नियम लागू होने से पारदर्शिता और सही व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा सकेगा।
आधार कार्ड DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर), गैस सब्सिडी, पेंशन, छात्रों के लिए छात्रवृति, मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए पहले से ही जरूरी था, लेकिन नए संशोधन के बाद पुराने, बगैर बायोमेट्रिक अपडेट वाले आधार की स्थिति अस्थिर हो सकती है।
डेटा सुरक्षा और पहचान व्यवस्था
UIDAI ने आधार से जुड़े डेटा की सुरक्षा के उपाय भी पहले से बेहतर किए हैं। नई गाइडलाइंस के तहत अब एडवांस तकनीक जैसे एन्क्रिप्शन, वर्चुअल आईडी, टोकनाइजेशन का इस्तेमाल बढ़ाया गया है, ताकि डेटा चोरी या नुकसान की संभावना कम हो सके। आवश्यकता पड़ने पर मास्क्ड आधार या प्रोग्राम-स्पेसिफिक आईडी का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही जानकारी साझा करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाई गई है।
बच्चों के आधार पर विशेष ध्यान
नए नियमों में बच्चों के आधार के लिए भी खास प्रावधान किए गए हैं। एक ही जन्म प्रमाणपत्र पर दो अलग-अलग बाल आधार जारी कराने की सुविधा अब नहीं रहेगी। केवल माता-पिता या अभिभावक की सहमति के साथ ही बच्चों का आधार रेगिस्ट्रार जनरल या राज्य के प्रमुख रजिस्ट्रार को दिया जा सकेगा, ताकि डुप्लीकेट नामांकन को रोका जा सके।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा लागू किए गए आधार कार्ड के ये नए नियम पहचान, डेटा और सेवाओं की सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी हैं। जिनका आधार 10 साल या उससे ज्यादा पुराना है, उन्हें तत्काल बायोमेट्रिक अपडेट कराना चाहिए, नहीं तो सरकारी योजनाओं और अन्य जरूरी सेवाओं में बाधा आ सकती है। नए नियम पारदर्शिता, सुरक्षा और सही लाभार्थी तक योजनाओं का हक सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।