Land Registration Update 2025: अब 3 बड़े बदलाव से 7 लाख खरीदारों की रजिस्ट्री होगी कैंसिल

Published On: September 16, 2025
Land Registration Update 2025

आज के समय में जमीन खरीदना और उसकी रजिस्ट्री करवाना हर व्यक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। चाहे कोई छोटा भूखंड खरीदे या बड़ा प्लॉट, बिना रजिस्ट्री के उस जमीन का मालिकाना हक साबित करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े नियम बदल दिए गए हैं, जिससे खरीदारों को एक और बार सोचने की जरूरत होगी।

सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि फर्जीवाड़ा, बेईमानी और एक ही जमीन की बार-बार बिक्री जैसी गलत प्रथाओं पर रोक लग सके। नए नियम के आने से उन लोगों पर सीधा असर पड़ेगा, जो जमीन खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री तो करा लेते हैं, लेकिन उसके नियमों और शर्तों को नहीं समझते। अब खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री भी कैंसिल हो सकती है अगर कुछ आवश्यक शर्तें पूरी नहीं की गई हों।

इस बदलाव का उद्देश्य है कि पारदर्शिता बनी रहे, हर खरीदार को सुरक्षित खाता-खतौनी मिले और जमीन से जुड़े झगड़े लंबे समय तक अदालतों में न खिंचें। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर कौन से नए नियम लागू हुए हैं और किसे इससे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।

Land Registration Update 2025

सरकार ने साफ कर दिया है कि अब अगर जमीन खरीदते समय उसका मालिकाना हक साफ नहीं है, उस पर पहले से कोई मुकदमा चल रहा है, या वह जमीन विवादित है, तो उसकी रजिस्ट्री सीधे रद्द कर दी जाएगी। पहले तक कई बार लोग विवादित जमीन की भी रजिस्ट्री करा लेते थे और बाद में कोर्ट में सालों तक मामलों में फंस जाते थे।

नए नियम के मुताबिक, अब तहसील और उप-पंजीकरण कार्यालय जमीन की पूरी जांच करेगा। राजस्व रिकॉर्ड, खतौनी और जमीन पर दर्ज किसी भी बकाया की स्थिति स्पष्ट की जाएगी। अगर जांच में गड़बड़ या विवाद मिला तो खरीदी-बेची गई उस जमीन की रजिस्ट्री ही मान्य नहीं होगी। इससे खरीदार को होने वाले धोखे से बचाव होगा।

किस आधार पर कैंसिल होगी रजिस्ट्री

अगर किसी ने जमीन के असली मालिक से बिना अनुमति जमीन खरीद ली है, तो उसकी रजिस्ट्री रद्द मानी जाएगी। इसी तरह अगर किसी खास सरकारी योजना के तहत जमीन पर रोक है, जैसे कि वह जमीन कृषि उपयोग के अलावा और काम में नहीं आ सकती, और उसके बावजूद उस पर प्लॉटिंग कर रजिस्ट्री करा दी गई है, तो वह निरस्त कर दी जाएगी।

इसके साथ ही अगर जमीन किसी लोन पर गिरवी रखी गई है और खरीदार ने बिना इस जानकारी के रजिस्ट्री करा ली, तो बैंक या वित्तीय संस्था की शिकायत पर भी इसे कैंसिल किया जा सकता है। मतलब अब इस नियम ने खरीदार और विक्रेता दोनों को ज्यादा जिम्मेदार बना दिया है।

सरकार का उद्देश्य और फायदा

इस योजना का उद्देश्य है कि खरीदार पूरी तरह सुरक्षित रहे और कोई भी गलत तरीके से कोई भूमि न बेच सके। अक्सर देखा गया है कि एक ही जमीन को कई बार अलग-अलग लोगों के नाम पर रजिस्ट्री कर दी जाती थी। इससे कई निर्दोष लोग धोखाधड़ी के शिकार होते थे। नए नियम से ऐसे मामलों पर रोक लगेगी।

इससे सरकार को भी फायदा होगा क्योंकि जमीन विवाद खत्म होने से राजस्व विभाग का काम भी आसान हो जाएगा। खरीदारों का भरोसा सिस्टम पर बढ़ेगा और रियल एस्टेट मार्केट में साफ-सुथरा माहौल बनेगा।

ध्यान देने योग्य बातें

जमीन खरीदते समय खरीदार को सबसे पहले यह देखना होगा कि जमीन मालिक असली है और उसके पास सभी कागज वैध हैं। खतौनी, जमाबंदी और म्युटेशन की कागजात की जांच जरूरी है। अगर जमीन पर पहले से कोई केस चल रहा है या वह सरकारी उपयोग में दर्ज है, तो उसकी रजिस्ट्री अब किसी भी हालत में नहीं हो सकेगी।

रजिस्ट्री करवाने से पहले बैंक लोन और बकाया की स्थिति भी देखना जरूरी है। अन्यथा बाद में सारी रकम लगाने के बावजूद खरीदार को जमीन का मालिकाना हक नहीं मिलेगा।

आवेदन या प्रक्रिया

  1. खरीदार को तहसील कार्यालय और राजस्व रिकार्ड से जानकारी लेकर ही आगे कदम बढ़ाना होगा।
  2. उप-पंजीकरण कार्यालय में रजिस्ट्री के समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कागजात सही हैं।
  3. किसी भी शिकायत या गलती पाए जाने पर रजिस्ट्री तुरंत रोक दी जाएगी।
  4. अगर गलत रजिस्ट्री पहले से हो चुकी है, तो भी इसे निरस्त किया जा सकेगा।

निष्कर्ष

जमीन जीवनभर की पूंजी होती है, इसलिए इसे खरीदते समय सावधानी बेहद जरूरी है। सरकार का यह नया नियम खरीदारों को सुरक्षित रखने और धोखाधड़ी पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम है। अब खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री तभी मान्य होगी जब जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज और शर्तें पूरी तरह वैध हों।

Leave a comment