1986, 1996, 2006, 2016 से पहले और बाद वाले पेंशनभोगी जानें: पेंशन में क्या बदलाव आया है?

Published On: September 10, 2025
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पेंशन हमारी जिंदगी को सुरक्षित बनाने के लिए एक अहम साधन है, खासकर सरकारी कर्मचारियों के लिए। समय के साथ पेंशन के नियमों और ढांचे में कई बड़े बदलाव आए हैं। 1986, 1996, 2006, और 2016 ये साल पेंशन सिस्टम की हिस्ट्री में बहुत खास रहे हैं, क्योंकि हर बार सरकार ने नए नियम लागू किए और कई गाइडलाइन बदलीं।

सरकारी कर्मचारियों के अलावा पेंशन का असर वृद्धा पेंशन, EPFO पेंशन, और OPS जैसी सुविधाओं पर भी देखने को मिलता है। इन बदलावों का जायजा लेना जरूरी है, ताकि पेंशनभोगी जान सकें उनके हक में क्या नया आया है और कितनी सुविधाएं बेहतर हुई हैं।

आमतौर पर केंद्रीकृत पेंशन स्कीमों को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर संचालित करते हैं। ये स्कीमें समय-समय पर संशोधित होती रहती हैं, जिससे पेंशनधारकों को कई बुनियादी फायदे या नई शर्तें मिलती हैं। इसी सिलसिले में नीचे सभी महत्त्वपूर्ण बदलावों और नियमों का आसान हिन्दी में विवरण दिया गया है।

मुख्य बदलाव: 1986, 1996, 2006 और 2016 के बाद पेंशन प्रणाली

1986, 1996, 2006, और 2016 के दौरान केंद्र सरकार ने पेंशन के नियमों, गणना के तरीके और लाभ में कई बड़े बदलाव किए। पेंशनभोगियों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए हर बार नए संशोधन लागू किए गए।

पहले पेंशन की गणना केवल बेसिक वेतन पर होती थी, लेकिन बाद में डीए और अन्य भत्तों को भी जोड़ दिया गया। 2006 से पहले तक पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) चलती थी, जबकि बाद में न्यू पेंशन स्कीम (NPS) लागू कर दी गई।

पेंशन बदलाव का ओवरव्यू (तालिका के रूप में)

बदलाव का वर्षबदलाव का विवरण
1986 के पहलेबेसिक वेतन पर ही पेंशन गणना, DA नहीं जुड़ता था
1986 – 1996DA जोड़ना शुरू, परिवार पेंशन का विस्तार
1996 – 2006पेंशन में ग्रेच्युटी वृद्धि, राहत योजना लागू
2006 के बाद50% बेसिक के बराबर पेंशन, DA शामिल, NPS शुरू
2016 के बाद7th Pay Commission की सिफारिश लागू
OPS से NPSपुराना पेंशन बंद, NPS में योगदान जरूरी
परिवार पेंशननियमों में संशोधन, न्यूनतम राशि तय
EPFO/Senior Plansन्यूनतम पेंशन राशि में वृद्धि
ग्रेच्युटी लिमिटहर बार बढ़ाई गई, अलग कैटेगरी की लिमिट
अन्य बदलावOnline क्लेम, बायोमेट्रिक अपडेट, E-Services

1986 के पहले वाले नियम

1986 के पहले पेंशन का हिसाब सिर्फ बेसिक वेतन पर होता था, जिससे राशि कम मिलती थी। उस समय डीए या अन्य भत्ते नहीं मिलते थे।

पेंशनधारकों के परिवारों पर ध्यान कम दिया जाता था, और परिवार पेंशन का दायरा सीमित था।

1986 से 1996 के बदलाव

1986 के बाद डीए को पर्वत्तन में शामिल किया गया। इससे पेंशन राशि थोड़ी बढ़ गई।

इस दौर में परिवार पेंशन का विस्तार हुआ, जिससे कर्मचारी के निधन के बाद उनके परिवार को सहायता मिली।

1996 से 2006 के बदलाव

1996 के बाद ग्रेच्युटी लिमिट को बढ़ाया गया और कई राहत योजनाएं लागू कीं गईं।

पेंशन के साथ साथ पेंशनधारकों के मेडिकल बिल और सुविधाएं भी अपडेट हुईं।

2006 के बाद NPS का आगाज

2006 के बाद सरकार ने नई पेंशन योजना (NPS) लॉन्च की। इसके तहत सभी नए सरकारी कर्मचारी को योगदान करना जरूरी हुआ।

इसमें बेसिक वेतन का 50% पेंशन के तौर पर मिलता है और DA भी जोड़ दिया जाता है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) 2004 से जल्द ही बंद कर दी गई।

2016 के बाद: 7th Pay Commission प्रभाव

2016 के बाद 7th Pay Commission के तहत पेंशनधारकों को काफी फायदा मिला। पेंशन राशि में वृद्धि हुई और न्यूनतम पेंशन भी बढ़ाई गई।

परिवार पेंशन की राशि तय की गई और EPFO के तहत सीनियर सिटीजन पेंशन स्कीम में भी बदलाव आए।

OPS और NPS में मुख्य फर्क

  • OPS (पुरानी पेंशन योजना): बेसिक वेतन पर 50% तक पेंशन की गारंटी।
  • NPS (नई पेंशन योजना): कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान, रिटायर होने पर राशि और पेंशन।

फैमिली पेंशन में सुधार

  • फैमिली पेंशन के तहत परिवार (पति/पत्नी, बच्चे) को राशि मिलने की सीमा बढ़ाई गई।
  • न्यूनतम और अधिकतम राशि बार-बार संशोधित हुई है।

EPFO और अन्य सीनियर सिटीजन योजनाएं

  • EPFO और अन्य वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजनाओं में न्यूनतम पेंशन राशि में बढ़ोतरी हुई।
  • सीनियर कार्ड और वृद्धा पेंशन में कई नए लाभ जोड़े गए हैं।

पेंशन प्रणाली के मुख्य बदलाव (Bullet Points)

  • 1986 के पहले सिर्फ बेसिक वेतन पर पेंशन मिलती थी।
  • 1986 के बाद डीए भी पेंशन में जोड़ दिया गया।
  • 1996 में ग्रेच्युटी लिमिट बढ़ाई गई।
  • 2006 में नई पेंशन योजना (NPS) लागू की गई।
  • 2016 में 7th Pay Commission से पेंशन राशि में मनचाही बढ़ोतरी।
  • OPS के तहत पुरानी पेंशन बंद, NPS में योगदान जरूरी।
  • फैमिली पेंशन, EPFO, सीनियर स्कीम जैसी योजनाओं में भी बदलाव आए हैं।
  • ऑनलाइन क्लेम, बायोमेट्रिक अपडेट और डिजिटल सर्विसेस शुरू हुई।

बदलावों का कुल असर

पेंशन सिस्टम में आए सभी बदलाव कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके परिवार के लिए राहत देने वाले रहे हैं। सरकारी नियमों के अनुसार लगभग हर दशक में कुछ बड़ा संशोधन किया गया, जिससे अधिकार और सुविधाएं बढ़ीं।

अब केन्द्र और राज्य सरकारें अपनी-अपनी पेंशन स्कीम को समय-समय पर अपडेट करती रहती हैं। OPS से NPS का ट्रांजीशन सबसे बड़ा बदलाव था, जिसके कारण बहुत से कर्मचारियों को नए नियमों पर चलना पड़ा।

Disclaimer:

यह लेख सरकारी वेबसाइटों की सत्यापित जानकारी के आधार पर लिखा गया है। पेंशन से जुड़े नियम व संशोधन असली और सरकारी तौर पर लागू हैं, इनमें कोई फर्जी या भ्रामक स्कीम शामिल नहीं है। किसी भी निर्णय से पहले ऑफिसियल गाइडलाइन जरूर देखें और अपने दस्तावेज अपडेट करें, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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