Ration Card 2025: 7 बड़े बदलाव जान लीजिए वरना 3 महीनों में मुश्किलें बढ़ेंगी

Published On: September 10, 2025
Ration Card 2025

1 सितंबर से राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अब तक सरकार की तरफ से दिया जाने वाला मुफ्त राशन बंद कर दिया गया है। इस फैसले का असर लाखों परिवारों पर पड़ेगा क्योंकि अधिकतर लोग महामारी के बाद से इस योजना पर निर्भर हो गए थे।

कोरोना काल में जब रोज़गार छिन गए और आमदनी घट गई, तब गरीब परिवारों को राहत देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) शुरू की थी। इसके तहत हर राशन कार्ड परिवार को मुफ्त अनाज, खासतौर पर गेहूं और चावल, दिया जाता था। यह योजना लंबे समय तक चली और लोगों की जरूरतें पूरी होती रहीं। मगर अब 1 सितंबर से जानकारी आ रही है कि यह योजना बंद कर दी गई है।

गरीब परिवारों के लिए यह चिंता की खबर है क्योंकि जिन लोगों की पूरी जिंदगी इसी राशन पर निर्भर थी, अब उन्हें अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। सरकार का कहना है कि सामान्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सस्ता राशन पहले की तरह मिलता रहेगा, लेकिन अतिरिक्त मुफ्त राशन की व्यवस्था खत्म कर दी गई है।

Ration Card 2025

गरीबों और मजदूर वर्ग को सबसे बड़ा सहारा मुफ्त राशन ही बना हुआ था। केंद्र सरकार की मुफ्त अनाज योजना ने संकट काल में बड़ी मदद की थी। लेकिन अब जैसे ही यह बंद होने की खबर आई है, राशन कार्ड वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर व्यक्ति को 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न मुफ्त मिल रहा था। इस योजना का लाभ देशभर के लगभग 80 करोड़ लोगों को मिला। इससे कामकाजी लोगों, बेरोजगारों और किसानों को भी खासी राहत मिली।

मगर अब स्थिति बदल चुकी है। 1 सितंबर से मुफ्त अनाज देना बंद हो गया है और केवल NFSA के पुराने नियम के अनुसार राशन कार्ड पर सस्ता अनाज ही मिलेगा। इसमें प्रति यूनिट परिवार को 5 किलो चावल या गेहूं 2 से 3 रुपये किलो की दर पर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना क्या है?

यह योजना मार्च 2020 में कोरोना महामारी के समय शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य था कि कोई भी परिवार भूखा न सोए और संकट की घड़ी में उन्हें खाने के लिए पर्याप्त अनाज मिले।

इस योजना के तहत देशभर के राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में गेहूं, चावल और कई बार दाल और नमक भी दिया गया। राज्यों के हिसाब से वितरण अलग-अलग तरीकों से किया गया। शुरू में इसे कुछ महीनों के लिए लागू किया गया था लेकिन जनता की ज़रूरतों और परिस्थितियों को देखते हुए इसे बार-बार बढ़ाया गया।

लगभग तीन साल तक लगातार इस योजना से करोड़ों लोगों को फायदा मिला। मुफ्त अनाज मिलने से परिवारों का खर्च कम होता गया और उनकी बड़ी समस्या हल हो गई।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन

अब जब मुफ्त राशन योजना समाप्त हो गई है, तो लोग केवल NFSA के तहत मिलने वाला सस्ता अनाज ही ले सकेंगे।

NFSA के अनुसार गरीब परिवार को प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलो अनाज दिया जाता है। इसमें गेहूं 2 रुपये किलो और चावल 3 रुपये किलो में मिलता है। जिन्हें अंत्योदय अन्न योजना (AAY) का लाभ है, उन्हें 35 किलो अनाज पूरे महीने के लिए मिलता है।

इस तरह गरीबों को पूरी तरह से राशन से वंचित नहीं किया गया है। लेकिन अब जो पहले मुफ्त में मिल रहा था, वह खर्चे के साथ आएगा। यही बात कई परिवारों के लिए बोझ साबित हो रही है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

सरकार का तर्क है कि मुफ्त राशन योजना शुरू से ही अस्थायी थी। जैसे-जैसे हालात सामान्य हुए और रोजगार के अवसर बढ़ने लगे, मुफ्त राशन की जरूरत कम हो गई।

दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार पर इस योजना का बहुत बड़ा आर्थिक बोझ बढ़ रहा था। लाखों टन अनाज हर महीने मुफ्त बांटा जा रहा था, जिसके लिए हजारों करोड़ रुपये की ज़रूरत होती थी।

अब सरकार ने सोचा कि केवल NFSA के तहत सस्ता राशन देना ही पर्याप्त होगा और अतिरिक्त मुफ्त अनाज बंद कर दिया जाए।

इसका असर आम लोगों पर

इस फैसले का सीधा असर आम गरीब परिवारों पर पड़ने वाला है। चूंकि ज्यादा परिवार कामकाजी और दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर हैं, वहां रोजमर्रा के खर्च पहले से ही भारी पड़ रहे हैं।

अब जब मुफ्त राशन नहीं मिलेगा तो उन्हें बाजार से खरीदारी करनी पड़ेगी, जिससे उनके खर्चे बढ़ जाएंगे। खासकर जिन परिवारों की पूरी कमाई सिर्फ बच्चों की पढ़ाई या दवा पर जाती है, उनके लिए यह बोझ और ज्यादा बढ़ने वाला है।

दूसरी ओर, मध्यम वर्गीय लोग या जिनके पास स्थायी नौकरी है, उन्हें फर्क कम महसूस होगा क्योंकि वे हमेशा बाजार से भी चीजें लाते हैं। लेकिन गरीब और मजदूर वर्ग के लिए यह योजना किसी जीवन रेखा जैसी थी।

राशन कार्ड वालों को क्या करना होगा?

यदि आपके पास राशन कार्ड है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। योजना बंद होने का मतलब राशन पूरी तरह खत्म होना नहीं है। आपको पहले की तरह राशन कार्ड पर सस्ता गेहूं और चावल मिलता रहेगा।

  • आधार कार्ड और राशन कार्ड एक-दूसरे से लिंक होना जरूरी है।
  • परिवार के सभी सदस्यों की आधार डीटेल राशन कार्ड से जुड़ी होनी चाहिए।
  • नजदीकी राशन डीलर की दुकान से तय कीमत पर अनाज लिया जा सकता है।

यानि अब यह फर्क रहेगा कि मुफ्त राशन नहीं मिलेगा, बल्कि उसकी कीमत चुकानी होगी, जो कि बाजार दर से बहुत कम है।

निष्कर्ष

1 सितंबर से मुफ्त राशन बंद होने से गरीब तबके की हालत जरूर बिगड़ी है। जिन्होंने पूरे समय इस योजना पर निर्भर रहकर अपना जीवन चलाया था, उन्हें अब अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। हालांकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सस्ता राशन मिलता रहेगा, लेकिन मुफ्त योजना का बंद होना गरीब वर्ग के लिए बड़ा झटका है।

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