आज के समय में कर्मचारी पेंशन योजना (EPS 95) से जुड़ी खबरें और अपडेट काफी महत्वपूर्ण बन गए हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो दीर्घकालिक भविष्य सुरक्षा के लिए इस योजना पर निर्भर हैं। EPS 95 यानी Employees’ Pension Scheme 1995, एक सरकारी योजना है जो कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन प्रदान करती है। इस योजना का संचालन Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) के तहत होता है।
हालिया समय में इस योजना से जुड़ी कई बड़ी अपडेट्स सामने आई हैं, जो पेंशनधारकों के लिए लाभकारी सिद्ध होने वाली हैं। इस लेख में EPS 95 के ताजा अपडेट, योजना की मुख्य बातें, और सरकार द्वारा की गई ताज़ा घोषणाओं को सरल और आसान हिंदी में विस्तार से समझाया गया है।
EPS 95 योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के अनुसार रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराना है। इस योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों अपनी मासिक वेतन का एक निश्चित हिस्सा योगदान करते हैं।
अब वक्त के साथ-साथ सरकार ने पेंशनधारकों के लिए पेंशन राशि बढ़ाने की मांग को गंभीरता से लिया है और कुछ नए नियमों और प्रावधानों का प्रस्ताव रखा है जो आने वाले समय में लागू हो सकते हैं। आइए, अब हम EPS पेंशन से जुड़ी तीन महत्वपूर्ण और नवीनतम अपडेट्स के बारे में विस्तार से जानें।
EPS 95 2025
2025 में कर्मचारियों की पेंशन राशि बढ़ाने की बात खूब चर्चा में रही है। खासतौर पर न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव इस समय केंद्र सरकार और EPFO के बीच विचाराधीन है। फिलहाल EPS के तहत न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये प्रति माह है। लेकिन सरकार ने मई 2025 से इसे बढ़ाकर 7500 रुपये मासिक करने पर विचार किया है। यह बदलाव पेंशनधारकों को महंगाई और जीवन यापन के बढ़ते खर्चों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। अगर यह प्रस्ताव लागू हो गया, तो करीब 60 लाख से ज्यादा पेंशनधारकों को फायदा होगा।
यह पेंशन वृद्धि सरकार और EPFO दोनों के समन्वित प्रयास से वित्तीय रूप से समर्थित होगी। हालाँकि, इस प्रस्ताव को लेकर अभी मजदूर मंत्रालय और केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। इसे EPS 95 के तहत एक बड़ा सुधार माना जा रहा है जो पेंशनधारकों को बेहतर वित्तीय स्थिरता देगा।
इसके अलावा, पेंशन की गणना में भी बदलाव हुए हैं। अब कर्मचारी की अंतिम पांच वर्षों की औसत वेतन और सेवा अवधि के आधार पर पेंशन राशि तय की जाती है। यदि किसी कर्मचारी ने 20 वर्षों से अधिक सेवा पूरी की है तो उसे 2 अतिरिक्त वर्षों का बोनस भी पेंशन में मिलेगा। साथ ही, यदि कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है तो उसे अपना EPS प्रमाणपत्र नए नियोक्ता को देना जरूरी होता है।
क्या है और कौन इसका लाभ ले सकता है?
EPS 95 यानी Employees’ Pension Scheme 1995, 16 नवंबर 1995 को लागू हुई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो EPF में योगदान करते हैं, विशेषकर फैक्ट्री और अन्य संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारी। योजना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवा के दौरान की गई बचत पर पेंशन प्रदान कर उनके रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इस योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर मासिक वेतन का 12% योगदान करते हैं। इसके अंदर, कर्मचारी के पूरे योगदान और नियोक्ता के कुछ हिस्से EPF में जाते हैं, जबकि नियोक्ता के 8.33% हिस्से को EPS में जमा किया जाता है। EPS योजना का न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल है।
अगर कोई कर्मचारी कम सेवा अवधि के बाद EPS राशि निकाल कर कहीं और काम पर लग जाता है तो उसे नई सेवा के लिए फिर से शून्य से शुरू करना पड़ता है। पेंशन की राशि कर्मचारी के वेतन और सेवा अवधि पर निर्भर करती है।
पेंशन योजना के अंतर्गत सिर्फ सेवानिवृत्त कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनके परिवार के सदस्य जैसे कि विधवा पत्नी, बच्चे और अनाथों को भी पेंशन की सुविधा दी जाती है, जिससे उनके आर्थिक हालात बेहतर बनाए रखे जा सकें।
तीन ताजा अपडेट जो पेंशनधारकों के लिए महत्वपूर्ण हैं
- न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की योजना: जैसा कि पहले बताया गया, सरकार न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर ₹7,500 करने का प्रस्ताव रख रही है। इस प्रस्ताव से करीब 60 लाख से अधिक पेंशनधारकों को फायदा होगा। इससे पहले न्यूनतम पेंशन केवल ₹1,000 थी, जो अब न बढ़ने से कई पेंशनधारकों की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई थी। इस बढ़ोतरी का आधार महंगाई और जीवन लागत में वृद्धि है।
- पेंशन गणना में बदलाव: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अब पेंशन की गणना कर्मचारी के अंतिम 5 वर्षों के औसत वेतन पर की जाती है बजाय पहले के 1 वर्ष के वेतन के। यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए लाभकारी है, जिनका अंतिम वर्ष उनका सर्वाधिक वेतन होता है।
- पेंशन प्राप्तकर्ताओं के अपडेट जरूरी: सरकार EPFO पेंशनधारकों से कह रही है कि वे अपने बैंक खाते, आधार लिंकिंग और जीवन प्रमाणपत्र को अपडेट रखें। यह पेंशन के नियमित भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी है। पेंशनधारकों को EPFO की वेबसाइट, UMANG ऐप या नजदीकी EPFO सेवा केंद्र से अपने दस्तावेज अपडेट करने चाहिए।
EPS पेंशन के लिए आवेदन कैसे करें?
EPS 95 पेंशन पाने के लिए सबसे पहले कर्मचारी को कम से कम 10 साल सेवा पूरी करनी होती है। इसके बाद कर्मचारी को 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर पेंशन का लाभ मिलता है। आवेदन प्रक्रिया में कर्मचारी को EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन कर या निकटतम EPFO कार्यालय जाकर आवेदन करना होता है। पेंशन पाने के लिए जरूरी है कि कर्मचारी के बैंक खाते और आधार कार्ड EPFO से लिंक हों। इसके अलावा, जीवन प्रमाणपत्र जमा करना भी अनिवार्य है।
नौकरी बदलने पर भी कर्मचारी को पुराने EPS प्रमाणपत्र को नए नियोक्ता को देना होता है ताकि पेंशन योगदान सही तरीके से संचित हो सके। अगर कर्मचारी यह प्रमाणपत्र नहीं देता तो उसे नई सेवा की गणना प्रारंभ करनी पड़ती है। इस प्रकार आवेदन और योगदान दोनों का पूरा रिकॉर्ड रखना आवश्यक है।
निष्कर्ष
EPS 95 योजना कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है जो रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सहायता प्रदान करती है। हाल ही में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और पेंशन गणना सुधारने जैसी घोषणाएं इस योजना को और अधिक लाभकारी बनाएंगी। पेंशनधारकों को चाहिए कि वे अपने दस्तावेज सही तरीके से अपडेट रखें और नवीनतम सरकारी निर्देशों से अवगत रहें ताकि उन्हें योजना का पूरा लाभ मिल सके। यह योजना कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच साबित होती है।